MENU

निर्यातकों तक निर्यात लाभों को बाधारहित तरीके से पहुंचाने की जरूरत



 14/Sep/20

फियो के अध्यक्ष एसके सराफ ने कहा कि महामारी के बावजूद भारत के निर्यातकों से दुनिया भर से बड़ी संख्या में पूछताछ आ रही है और ऑर्डर मिल रहे हैं। निर्यात में सुधार से तमाम क्षेत्रों को मदद मिल रही है, जो अगले कुछ महीनों में और बेहतर होने की संभावना है। बहरहाल निर्यातकों, खासकर एमएसएमई क्षेत्र को नकदी के भारी संकट से जूझना पड़ रहा है क्योंकि 1 अप्रैल 2020 से 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का एमईआईएस लाभ रुक गया है और आईजीएसटी रिफंड भी अटका हुआ है।

ऐसे वक्त में जब निर्यातकों को विभिन्न नए खरीदारों व नए इलाकों से नए ऑर्डर मिल रहे हैं, उन्हें मदद के लिए समर्थन देने की जरूरत है, जिससे इन ऑर्डर पर काम आगे बढ़ाया जा सके। दुर्भाग्य से ज्यादातर निर्यातकों ने ऐसे ऑर्डर पूरे करने को लेकर असमर्थता जताई है, क्योंकि निर्यात लाभ रोके जाने व जीएसटी रिफंड न होने से उन्हें नकदी के संकट से जूझना पड़ रहा है।

फियो के अध्यक्ष ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह बगैर किसी देरी के इस मसले पर विचार करे और निर्यात की हमारी कवायदो में मदद करे। इस तरह के ऑर्डर सफलता से पूरे करने से निर्यात का अतिरिक्त काम मिलेगा और उन क्षेत्रों से काम मिल सकेगा, जहां अब तक भारतीय निर्यात की पहुंच नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी विभागों को एक साथ मिलकर बैठना चाहिए, जिससे तकनीकी और वित्तीय मसलों का समाधान हो सके और निर्यात क्षेत्र के लिए बाधारहित नकदी का प्रïवाह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके।

अध्यक्ष ने आगे कहा कि बैंक पात्र निर्यातकों की मदद आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के माध्यम से कर रहे हैं, लेकिन जीएसटी रिफंड और एमईआईएस रोके जान से निर्यातकों को बैंकों से अतिरिक्त कर्ज लेने को बाध्य होना पड़ रहा है और इस तरह की अतिरिक्त जरूरतें अब बहुत ज्यादा ब्याज पर पूरी करनी पड़ रही हैं। बैंकों को इस पर विचार करने और निर्यात क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर कर्ज मुहैया कराने की जरूरत है। खासकर ऐसी स्थिति में जब जमा दरें उल्लेखनीय रूप से कम हैं और प्रमुख ब्याज दरें कम कर दी गई हैं। सरकार को जीएसटी रिफंड में देरी पर ब्याज का भुगतान करना चाहिए, जिससे निर्यातकों के नुकसान की भरपाई हो सके।

फियो ने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि जोखिम वाले निर्यातकों को ड्यूटी ड्रॉ बैक और बॉन्ड के एवज में आईजीएसटी लाभ मुहैया कराकर उनके मसलों का समाधान करना चाहिए अगर ऐसे निर्यातकों का भौतिक सत्यापन हो चुका है। जोखिम वाले निर्यातकों के लिए जारी किए गए एसओपी का भी सतर्कतापूर्वक जांच की जानी चाहिए, जिससे कि जरूरी जांच करने के बाद निर्यातकों को इस श्रेणी से तत्काल बाहर किया जा सके। श्री सराफ ने भरोसा जताया कि निर्यात का प्रदर्शन सुधर रहा है और सभी हिस्सेदारों के समर्थन से हम साल के अंत तक निर्यात को पटरी पर लाने में कामयाब रहेंगे।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

5115


सबरंग