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कोचिंग संचालक विज्ञापन को असली साबित करे तो देंगे 11 लाख : राहुल शुक्ल

विशेष संवाददाता

 04/May/18

जेईई मेन-2018 के परीक्षा परिणामों को लेकर वाराणसी के मीडिया में प्रकाशित हो रहे फर्जी विज्ञापनों से दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि असली विज्ञापनों के साथ लाखों रुपए के लालच में बनारस की मीडिया वाले फर्जी विज्ञापनों को भी प्रकाशित करने में पीछे नहीं रहते। ऐसे ही विज्ञापनों पर कबीरनगर कोचिंग मण्डी के प्रमुख कोचिंग संस्थान कोटा-टू-काशी के निदेशक राहुल शुक्ल ने कड़ा ऐतराज जताते हुए बाकायदा कबीरनगर के कुछ कोचिंगों का नाम लेकर खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे अपने विज्ञापनों में प्रकाशित विद्यार्थियों का असली रोल नं. व जन्मतिथि के साथ प्रमाणित कर दें तो उन्हें 11 लाख रुपए नकद ईनाम देने का ऐलान करता हूँ। इन विज्ञापनों में जेआरएस, कैटजी, आकाश, ओरिगेन्स तथा स्वयं अपने संस्थान कोटा-टू-काशी के अतिरिक्त जिनके विज्ञापनों में रोल नं. व जन्मतिथि का उल्लेख नहीं है वे फर्जी हैं।

वाराणसी में पहली बार कोटा से काशी आकर कबीरनगर कोचिंग मण्डी में संस्थान खोलने वाले राहुल शुक्ल ने 300 विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपने 1 दर्जन योग्य अध्यापकों की टीम के साथ डॉक्टर व इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी कराने का बीड़ा उठाया। इन्हीं  में से 106 विद्यार्थियों ने जेईई मेन की प्रवेश परीक्षा में भाग लिया जिनमें से 46 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम अच्छा रहा। सभी का नाम, रोल नं. व जन्मतिथि के साथ उनके मोबाइल नं. भी विज्ञापन के रूप में मीडिया में प्रकाशित कराया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि के-टू-के के सफल विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत सही है। वहीं दूसरी ओर बनारस की प्रमुख 4 कोचिंग संस्थानों को छोड़ दिया जाए तो शेष के परीक्षा परिणाम पूरी तरह संदेह के दायरे में है। इसके लिए सीधे तौर पर स्थानीय मीडिया जिम्मेदार है।

श्री शुक्ल ने कहा कि आप कितना भी अच्छा परीक्षा परिणाम दे दें, यदि मीडिया में विज्ञापन नहीं देते हैं तो एक भी लाइन की खबरें प्रकाशित नहीं हो सकती। यही कारण है कि बनारस की मीडिया में कुछ कोचिंग संचालकों द्वारा फर्जी विज्ञापन प्रकाशित कर भ्रम की स्थिति उत्पन्न करके डॉक्टर व इंजीनियर का सपना देखने वाले विद्यार्थियों का दाखिला तो ले लिया जाता है किन्तु प्रवेश परीक्षा का परिणाम शून्य नजर आता है।

मिडिया के फर्जी विज्ञापनों का सच K2K के निदेशक राहुल शुक्ल के इस वीडिओ में देखिये

राहुल शुक्ल ने बताया कि वे स्वयं फिजिक्स के अध्यापक हैं और कोटा के एलेन कोचिंग में 72 लाख का पैकेज छोड़कर बनारस में कोचिंग संचालन का बीड़ा उठाया है। फिलहाल उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कहा कि वाराणसी के अतिरिक्त रेणूकुट में ‘डीसी लुइस मेमोरियल स्कूल’ के 200 विद्यार्थियों को बिड़ला के सहयोग से हाईटेक कार्बन सीएसआर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी हमलोगों ने निभायी है, जिनमें से 6 बच्चे इस बार जेईई मेन की प्रवेश परीक्षा में सफल हुए।

विगत् वर्षों में वाराणसी के कोचिंग मण्डी से दर्जनों कोचिंग संस्थान खुलें और जल्द ही उनपर ताले भी लटक गये जिनमें- विजन पटना, एक्सपेक्ट्रम, टॉर्गेट प्वाइंट, बेस, कोटा प्वाइंट, ऑक्सीजन, अग्रणी गुरुकुल, वंशल टर्निंग आदि प्रमुख हैं। बनारस की टॉप-5 कोचिंग संस्थानों के सवाल पर कहा कि उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ व बिहार की 15 करोड़ आबादी में सबसे अच्छा बच्चा बनारस के कोचिंग संस्थानों को मिलता है बावजूद इसके यदि टॉप-100 में कोई बच्चा नहीं आता है यह इस बात की गवाही है कि यहाँ के कोचिंग संचालक बच्चों के साथ परिश्रम नहीं करते। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में घटते रोजगार के सवाल पर कहा कि आईआईटी, एनआईटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्लेसमेंट की अच्छी संभावनाएं रहती है। विशेषकर सॉफ्टवेयर, बैकिंग आदि क्षेत्रों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल रहता है। कहा कि आईआईटी में पढ़ने वाले बच्चों की प्राथमिकता प्राइवेट सेक्टर में रहती है। इंजीनियरिंग से सिविल सेवा की प्रवेश परीक्षा में लगातार मिल रही सफलता के सवाल पर कहा कि जो बच्चे मैथ में अच्छा करते हैं उनके लिए इन परीक्षाओं में सफलता का अच्छा चान्स रहता है।

हिन्दी मीडियम के विद्यार्थियों के लिए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं में अपेक्षित सफलता न मिलने के सवाल पर कहा कि इनके लिए थोड़ा कठिन तो होता है क्योंकि कोई भी अच्छी किताबें हिन्दी में उपलब्ध नहीं है इसी को ध्यान में रखते हुए श्री राहुल ने इस वर्ष हिन्दी मीडियम के बच्चों के लिए अलग से शुरूआत करने का मन बनाया है।

कुल मिलाकर भले ही राहुल शुक्ला के दावे में दम है और विद्यार्थियों के हिसाब से परीक्षा परिणाम भी बेहतर है, बावजूद इसके अभी यह कह पाना जल्दबाजी होगी कि आने वाले वर्षों में बनारस के शीर्ष कोचिंग संस्थानों जेआरएस, कैटजी, आकाश, ओरिगेन्स की फेहरिस्त में अपनी जगह बना पाते हैं या नहीं। फिर भी संभावनाएँ नजर आ रही है।


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