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हत्या की कोशिश के मामलें में आरोपित राजेश उर्फ डॉक्टर की जमानत अर्जी मंजूर



 19/Sep/20

बचाव पक्ष की ओर से वरिष्‍ठ अधिवक्ता चुन्ना राय, विपीन शर्मा व शैलेन्द्र सरदार ने पक्ष रखा

अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) राजीव कमल पांडेय की अदालत ने हत्या से मारने की कोशिश के मामले में आरोपित राजू उर्फ डॉक्टर उर्फ अनिल यादव की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। अदालत ने एक लाख रुपये के दो जमानतदार एवं बंधपत्र देने पर आरोपित को रिहा करने का आदेश दिया।

अभियोजन के अनुसार वादी संजय यादव निवासी सूरज कुण्ड थाना लक्सा द्वारा प्रस्तुत तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली में दिनांक 18 मार्च 2020 को समय 21 : 29 बजे इस आशय की प्राथमिकी लेखबध्द की गयी कि उसकी एक कपड़े की दुकान कालभैरव मंदिर के पास हैं जिस पर उसका भाई विज्जू उर्फ विजय बाबू दोनों रहते हैं। दिनांक 18 मार्च 2020 को समय लगभग 2 बजे दिन उसका भाई विजय दुकान से ब्राह्मघाट घुमने टहलने गया था तभी तीन लोग मुंह बांधे आये और उसके भाई विजय को गाली देते हुए जान से मारने की नियत से गोली मार दिए जिससे पेट व पीठ में खून बहने लगा तब अपने भाई को लेकर सिंह मेडिकल में गया जहां उसका दवा इलाज चल रहा हैं। बदमाशों को भागते कुछ लोगों ने देखा भी। पूर्व में उसका भाई बिज्जू से राजू उर्फ डॉक्टर निवासी गायघाट व भईया लाल उर्फ पहलवान निवासी माता माई की गली जतनवर दूधसट्टी ने करीब दो लाख पचास हजार रुपए लिये थें। जब उसका भाई मांगने जाता था तो वे लोग पैसा नहीं देतें थें और खामियाज़ा भुगतने की धमकी देते थें।

जानें क्या दिया अधिवक्ताओं ने दलील

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत राय 'चुन्ना राय', विपीन शर्मा व शैलेन्द्र प्रताप सिंह 'सरदार' ने दलील में कहा कि वादी राजू उर्फ डॉक्टर ऊर्फ सुनील यादव को महज जेरवार, परेशान व बेइज्जत करने की गरज से रंजिशन साजिश करके उक्त मुकदमें में गलत तरीके से अभियुक्त बना दिया गया है। प्रार्थी बिल्कुल निर्दोष हैं और उसे उक्त कथित घटना की कोई भी जानकारी नहीं है। प्रार्थी ने कोई अपराध नहीं किया है। प्राथमिकी में प्रार्थी की कोई भूमिका भी नहीं दर्शाई गई है। प्राथमिकी में इस बात का भी कोई भी उल्लेख नहीं है कि गोली किसके द्वारा चलाई गई। घटना का कोई चश्मदीद साक्षी नहीं है। चोटहिल किसी हमलावर को पहचान नहीं पाया। प्राथमिकी लगभग साढ़े छः घंटे विलंब से दर्ज कराई गई है, जबकि घटनास्थल से थाना मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है। चोटहिल का एक नाजायज गिरोह है तथा अवैध तरीके से सूदखोरी का कार्य करता है। लोगों को प्रलोभन देकर ब्याज पर रुपए बांटता है तथा मनमाने तरीके से मारपीट कर नाजायज धन उगाही का कार्य करता है जिसके कारण तमाम लोगों से दुश्मनी है। उसी दुश्मनी के कारण अज्ञात नकाबपोश लोगों द्वारा उसे गोली मारी गई जिसे वह पहचान नहीं पाया। वादी मुकदमा ने व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण प्रार्थी को गलत तरीके से फंसा दिया है। चोटहिल के खिलाफ थाना कोतवाली में सूदखोरी सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। प्रार्थी घटना वाले दिन और समय पर वाराणसी शहर में मौजूद ही नहीं था। अपने चार पहिया वाहन संख्या यूपी 65 डीएस 9070 से मिर्जापुर जनपद में दर्शन करने गया था तथा 2:00 बजे दिन प्रार्थी अहरौरा टोल प्लाजा से मिर्जापुर की तरफ भंडारी देवी दर्शन करने गया था। लगभग 4:30 बजे उसकी पुनः उसी टोल प्लाजा से वापसी हुई। प्रार्थी का सह अभियुक्तों से कोई संबंध व सरोकार नहीं है। प्रार्थी का पूर्व का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी दिनांक 25 मई 2020 से जिला कारागार में निरुद्ध है। अदालत ने प्रपत्रों का अवलोकन करते हुए आरोपी की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।


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