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अधिवक्ता अभिषेक दूबे की दलील पर तौफीक आलम पर लगे गुंडा एक्ट निरस्त



 19/Sep/20

अपर जिलाधिकारी (नगर ) गुलाब चंद्र ने भेलूपुर थाना निवासी तौफिक आलम पर लगे गुंडा एक्ट को निरस्त कर दिया। अभियुक्त की तरफ से विद्वान अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे व उनके सहयोगी विनीत सेठ ने दलील दी।

विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजन अधिकारी वाराणसी के तर्कों को ध्यानपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली का भली-भांति अवलोकन किया गया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि विपक्षी को केवल एक मुकदमें के आधार पर गुंडा एक्ट के अंतर्गत नोटिस प्रेषित कर दी गई, जबकि माननीय उच्च न्यायालय की रुलिंग में स्पष्ट उल्लेख है कि केवल एक दो मुकदमे के आधार पर किसी को गुंडा घोषित नहीं किया जा सकता है। अंत में न्यायालय द्वारा जारी उक्त नोटिस को निरस्त किए जाने का अनुरोध किया।

न्यायालय द्वारा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों सम सम्पक अवलोकन किया गया। विपक्षी के विरुद्ध मुकदमा संख्या 483 / 18 धारा - 363 /366 भा०द०वि० व 3 /(1) द व एससी/ एसटी एक्ट व बीट सूचना रपट संख्या - 54 दिनांक 8 नवंबर 2018 को पंजीकृत है। अभियोजन द्वारा विपक्षी के विरुद्ध उक्त अपराध के अतिरिक्त कोई और अपराधिक मुकदमा का विवरण अंकित नहीं किया गया है जिससे यह प्रमाणित हो सके कि विपक्षी एक अभ्यस्त अपराध कारित करने वाला व्यक्ति हो। उप्र गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 के प्रावधानों के अधीन किसी भी व्यक्ति को गुंडा घोषित किए जाने हेतु उसका अभ्यास्त अपराध करने का प्रमाण प्रमाणित होना आवश्यक है। अस्तु जारी नोटिस पुष्ट होने योग्य नहीं है।

निरस्त करनें का दिया आदेश

अतः इस प्रकार से की गई विवेचना के आधार पर विपक्षी तौफीक आलम पुत्र नईमुद्दीन निवासी पांडेय हवेली थाना भेलूपुर जनपद वाराणसी के विरुद्ध उप्र गुंडा अधिनियम 1970 के अंतर्गत जारी नोटिस दिनांक 10 दिसंबर 2018 अभियोजन द्वारा पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध न कराए जाने के कारण निरस्त की जाती है।


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