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सनबीम लहरतारा हॉस्टल एवं मिडिल स्कूल के वार्षिकोत्सव धनक में संजोई गई गुरु शिष्य परंपरा की थाती



 27/Oct/24

शिक्षक एवं विद्यार्थी के कोमल परन्तु अटूट बंधन को समर्पित रहा वार्षिकोत्सव ।
400 से भी अधिक प्रतिभागियों के विभिन्न मंच प्रस्तुतियों के माध्यम से कीर्तिमान शिष्यों के प्रतिष्ठित गुरुओं को किया गया नमन।

उत्तर प्रदेश में आधुनिक शिक्षा के माध्यम से नित्य नवीन कीर्तिमान स्थापित कर रहे, सनबीम शिक्षण समूह, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से सनबीम के विद्यार्थी भारतीय संस्कृति एवं आधुनिक शिक्षा के नए आयाम तैयार कर रहे हैं।  
इसी कड़ी में 27 अक्टूबर को सनबीम लहरतारा हॉस्टल एवं मिडिल स्कूल के वार्षिकोत्सव धनक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र एवं छात्राओं को भारत के गुरु शिष्य परंपरा के महत्त्व से अवगत कराना था। आज के समय में विद्यार्थी एवं शिक्षक के बीच के कमज़ोर होते रिश्ते को उस यात्रा पर लेकर जाना था जहाँ एक शिष्य के जीवन में गुरु का स्थान और महत्त्व माता पिता से भी अधिक रखा जाता था।  विद्यार्थियों को यह सिखाना था कि हम ऐसे देश में रहते हैं जहाँ गुरुकृपा से शिष्यों ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है और हमेशा के लिए अमर हो गए।  
इस कार्यक्रम के केंद्र में ऐतिहासिक गुरुओं एवं उनके कालजयी शिष्यों को रखा गया जिसमे मुख्य रूप से चाणक्य-चन्द्रगुप्त, द्रोणाचार्य-एकलव्य एवं अर्जुन, रामकृष्ण परमहंस-विवेकानंद, रविदास-मीराबाई, एन सुल्वेन-हेलेन केलर एवं सुकरात-प्लेटो जैसे गुरु शिष्य की जोड़ी के जीवन चरित्र की प्रस्तुति दी गई।   
कार्यक्रम का उदघाटन सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक, उपाध्यक्ष श्रीमती भारती मधोक, निदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन एवं मानद निदेशक श्री हर्ष मधोक ने किया।
आज के कार्यक्रम का शुभारंभ ‘उपलब्धि मार्च’से किया गया जिसमें साल भर के विविध शैक्षणिक, गैर, शैक्षणिक प्रतियोगिता में जीत दर्ज करने वाले छात्र छात्राओं का विद्यालय परिवार ने अभिन्दन किया। वाराणसी, अन्य शहर एवं देश के अन्य हिस्सों में प्रतियोगी एवं समागम में अपने ओजपूर्ण प्रस्तुति से सनबीम लहरतारा का नाम रौशन करने वाले 200 से अधिक विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया।
सनबीम लहरतारा के संगीत विभाग के छात्रों ने ‘साज और आवाज’कार्यक्रम प्रस्तुत किया। गायन एवं वाद्य संगीत विभाग के 50 से अधिक विद्यार्थियों ने 20 वाद्ययंत्रों एवं गायन के माध्यम से आदिगुरु महादेव के साथ साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत के बहुश्रुत गुरु शिष्य परंपरा की तालीम को यह प्रस्तुति समर्पित की।  
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती परवीन कैसर तथा छात्रावास अधीक्षक श्री संजीव पाण्डेय ने विद्यालय तथा छात्रावास का वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिसमे विद्यालय एवं हॉस्टल के साल भर की गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।  
रिदम ऑफ़ रीज़न कार्यक्रम के माध्यम से मैथ्स इन मोशन की प्रस्तुति दी गयी जिसमे गणित एवं उससे जुड़े चिन्हों के हमारे प्रतिदिन की दिनचर्या में प्रतिभागिता पर विशेष प्रकाश डाला गया और यह बताया गया कि कैसे नृत्य के माध्यम से गणित जैसे जटिल विषय को भी आसानी से पढ़ाया जा सकता है।  
सिटी ऑफ़ इकोस नाटक के माध्यम से वर्तमान समय में गुरु शिष्य के बीच के अटूट बंधन की धूमिल होती जा रही  छवि पर प्रश्न उठाया गया और यह सन्देश दिया गया कि किस प्रकार पहले के समय में एक आम मनुष्य को अपना शिष्य बनाकर गुरुओं ने फर्श से अर्श तक का सफर तय कराया।  
नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया गया कि किस प्रकार एक साधारण बालक को चाणक्य जैसे दिग्गज गुरु ने अखंड भारत का सम्राट चन्द्रगुप्त बना दिया। ईमानदारी, समर्पण और सुचरित्र किसी भी शासक के शाश्वत आभूषण है यह बात इस नृत्य नाटिका ने सिखाया। श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त मीराबाई को भक्ति मार्ग पर ज्ञान प्रदान कर गुरु रविदास ने उन्हें और आगे बढ़ाया। गुरु रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद को अद्वैत दर्शन का ज्ञान देकर विश्व विश्रुत बना दिया और एन सुल्वेन ने किस प्रकार अंधे एवं बहरे हेलेन केलर को विश्व की पहली महिला होने का गौरव दिलाया जो दिव्यांग होते हुए भी स्नातक की उपाधि अर्जित कर पायी। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से विद्यालय के छात्र छात्राओं में गुरु के प्रति संवेदनशीलता एवं उनके महत्व को समझने के लिए समझ को प्रगाढ़ करने का प्रयास किया गया।  
इस कार्यक्रम में अनन्या जायसवाल, आराध्या कश्यप, अर्णव माहेश्वरी, शरण्या, नित्या राय, अंतरा अग्रवाल, प्रियांशु आर्या, आदित्य राज, संभव कुमार, गोमेद वर्धन, अनिमेष कश्यप, अनमोल कश्यप, एरिका राज, प्रकाश सिंह, प्रणव वर्धन, सुदर्शन गोयल, पार्थ शंकर, हर्ष सोलंकी, अग्रिमा गाँधी, समृद्धि, कौशिक जायसवाल, केशव ठाकुर, स्वयं नायक, प्रज्ञान, अविरल, समर, आराध्या मोहन जालान, प्रांजल यादव, निश्चय कुमार, अथर्व सर्राफ, सात्विक निगम, प्रेम कुमार, अनमोल कुमार सिंह, आर्यन, हार्दिक, कृष्णा वासुदेव समेत 400 से अधिक बच्चों ने वार्षिकोत्सव में हिस्सा लिया।       
इस अवसर पर सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ दीपक मधोक ने कहा कि इन बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास मुझे हमेशा उत्साहित करता है. यह पूरा कार्यक्रम बहुत सुन्दर विषय एवं बिंदु पर केंद्रित है और प्रत्येक कार्यक्रम के पीछे एक बड़ा संदेश है। सनबीम लहरतारा ने वार्षिकोत्सव को भी शिक्षा, आनंद और जागरण की त्रिवेणी बना दिया है, जो अपनी आप में बहुत बड़ी बात है ।
उपाध्यक्ष श्रीमती भारती मधोक ने कहा कि सनबीम लहरतारा क्रिएटिविटी की पाठशाला है, यहाँ कुछ भी, कोई भी कार्यक्रम बस यूँ ही नहीं होता, उसके पीछे एक सृजनशील मानसिकता होती है, एक सोच होती है और इसके लिए पूरा विद्यालय परिवार बधाई का पात्र है ।

इस अवसर पर निदेशिका अमृता बर्मन ने कहा कि यह वार्षिकोत्सव कई घंटों के सोच और कई दिनों के अथक परिश्रम का फल है जिसमे विद्यार्थियों से साथ साथ शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।  हम अभिभावकों को आभार देने के साथ साथ बधाई देना चाहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को इस कार्यक्रम के माध्यम से बहुत कुछ सिखने का रास्ता प्रदान किया।  
इस अवसर पर मानद निदेशक श्री हर्ष मधोक, डीन श्री आदित्य चौधरी एवं अन्य सनबीम विद्यालयो एवं शाखाओं के प्रधानाचार्या गण एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।


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