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झूठ की मार्केटिंग में सरकार ने इंसानियत को भी किया शर्मसार : अजय राय, पूर्व विधायक



 19/Apr/21

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना महामारी ने जबरजस्‍त तरीके से अपने पैर पसार लिये हैं, सैकड़ों की संख्‍या में आए दिन कोरोना पॉजिटीव मरीज निकल रहे हैं। अस्‍पतालों की बात की जाये तो लगभग सभी जगहों पर ऑक्‍सीजन और बेड की कमी नजर आ रही है, और महा श्‍मशान मणिकर्णिका और हरिश्‍चंद्र पर तो लाशों की लाइन लगी है, खबर तो यहां तक है कि लकड़ी की जगह पर बांस पर चितायें जलायी जा रही हैं। मंत्रियों और विधायक लोगों के बड़े दावे सिर्फ कागज पर दिख रहे हैं। ऐसे में विपक्ष के नेता सरकार से सीधे सवाल पूछ रहे हैं और उन्‍हें इस महामारी में असफल बता रहे हैं। आज दिनांक 19 अप्रैल को अपने लहुराबीर आवास पर वरिष्ट कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री अजय राय ने एक प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता का उद्देश्य पीएम के संसदीय क्षेत्र में कोरोना महामारी के व्‍यवस्‍था बेहाली पर था। पूर्व मंत्री जी ने कहा की पूरी व्यवस्था बेहाल हो गयी है, वाराणसी प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी व्यवस्था विहीन है, ना तो काशी में कोई फार्मा कंपनी है और ना ही आक्सीजन की कोई कम्पनी है। चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और पिछले 2014 से नरेंद्र मोदी जी के सांसद बनने के बाद कोई भी चिकित्सा के क्षेत्र के ऐसा कार्य नही हुआ है, जिससे जनता को लाभ मिले। सिर्फ और सिर्फ जनता से झूठ बोला जा रहा है, चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के बजाय काशी के जनप्रतिनिधियों-मंत्री-विधायक द्वारा अपनी नाकामी छिपाने के लिए दो नए अस्थायी श्मशान घाट बनाने का विकल्प दे रहे है। कड़े शब्‍दों में अजय राय ने कहा कि शर्म आना चाहिए जिन्हें जनता ने चुना आज वो आज पीठ दिखाकर भाग रहे हैं। पत्रकारों के सवाल का जबाब तक मंत्री विधायक नही दे पा रहे है वह इसलिए क्योंकि धरातल पर कोई कार्य ही नही किये और न ही अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझे है। सिर्फ प्रचार-प्रसार झूठ की मार्केटिंग जारी है। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता के ख़तरे से विशेषज्ञों ने पहले ही चेताया था। लेकिन अफसोस की प्रदेश की योगी सरकार को विशेषज्ञों की चेतावनी से कोई लेना देना नहीं। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बंगाल व अन्‍य तमाम राज्यों के चुनाव प्रचार में मशगूल रहे और काशी के जीते हुए जनप्रतिनिधि तो मस्त थे उन्हें जनता से कोई मतलब नही है।

पूर्व मंत्री जी ने दुख जताते हुए कहा कि आज क्या स्थिति है प्रदेश की चारों ओर मौत से कोहराम है, अपनों को खोने की चीखें है, हर तरफ कुव्यवस्था फैला है। आक्सीजन से लेकर रेडिमिसिवर इंजेक्शन तक की कालाबाजारी हो रही है। हॉस्पिटल में अव्यवस्था का अंबार है हर रोज मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। पूरी सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। फर्जीवाडा इस तरह हो रहा है की स्थानीय सांसद प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा "कंट्रोल रूम फार कोविड" के लिए जो हेल्पलाइन नम्बर जारी हुआ है 9415914000 यह नम्बर कवरेज क्षेत्र से बाहर बन्द बता रहा है। मतलब की हर जगह सिर्फ ढकोसला झूठ की मार्केटिंग इस सरकार में मानवता व इंसानियत को भी शर्मशार कर दिया है। सरकार जनप्रतिनिधियों को चेतना होगा क्योंकि यह विकराल समय जनसेवा का समय है इस समय जनता की जरूरत बनकर सेवा करने का समय है। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता जनसेवा के लिए प्रतिबद्ध है हमलोग लगातार सेवा कार्य कर रहे है क्षमता अनुसार लोगो की मदद कर रहे है और आगे भी करते रहेंगे।

पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रेसवार्ता में कुछ प्रमुख बिंदु उठाये-

1 :- सरकारी के आकड़ो के हिसाब से मृत्य प्रतिदिन 10-12 लोगो की हो रही है। तब भी प्रधानमंत्री जी के समीक्षा के बाद स्थानीय मंत्री-विधायक द्वारा राजघाट-रामनगर में अस्थायी शवदाह गृह की व्यवस्था बनाने का सुझाव यह क्यों ? जब मृत्यु 10-12 ही हो रही है तो अस्थायी शवदाह गृह की क्या जरूरत है। अगर अस्थायी शवदाह गृह की जरूरत है तो इसका मतलब की सरकार जनप्रतिनिधियों को स्वीकार करना चाहिए की मृतको का आंकड़ा 100 के पार रोज है।

2 - 15 दिन बाद समीक्षा हो रही कंट्रोल रूम की जरूरत 15 दिन पहले से थी अब जब हाहाकार मचा है तब कंट्रोल रूम की याद आयी। जिला-प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है लेकिन वहाँ कोई सुनवाई नही हो रही है।

3 - कल समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार से सवाल पूछने पर मंत्री-विधायक-विधानपरिषद सदस्यों द्वारा जबाब न देना अपनी जिम्मेदारी व जबाबदारी से बचना जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व जनता के बीच कार्य न करने का उदाहरण बताता है।

4 - अभी भी चिकित्सा सुविधा में कोई बढ़ोतरी नही हुई है पहले की अपेक्षा स्तिथि और गम्भीर बनती जा रही है।

5 - प्रधानमंत्री जी ने समीक्षा किया लेकिन कोई ठोस कदम नही उठाये आर्थिक मदद हर विधानसभा क्षेत्रों में करना चाहिए था।

6 - सिर्फ कागजी कार्य, झूठ के बुनियाद पर सरकार कार्य कर रही है धरातल पर पूरा व्यवस्था फेल है। अस्पतालों की स्तिथी किसी से छुपी नही है।

7 - बीते दिनों भौतिक विज्ञान बीएचयू शोध छात्र अभय जयसवाल की सिर्फ लापरवाही के वजह से मृत्यु हो गयी थी।और प्रतिदिन लापरवाही,चिकित्सा सुविधा के आभाव से से लोगो की जान जा रही है।स्व.अभय जयसवाल के माता-पिता भी नही है वह अपने स्कालरशिप के पैसे से अपनी छोटी बहन अमृता जयसवाल को पढ़ाते थे, परंतु अभय जयसवाल अब नही रहे। सरकार को उनके छोटी बहन अमृता जयसवाल के पढ़ाई, भरण-पोषण व तत्काल आर्थिक मदद करनी चाहिए। साथ ही जो लोगो की मृत्यु लापरवाही से हो रही है जो आर्थिक कमजोर है उनकी मदद सरकार को करनी चाहिए मानवता व इंसानियत व जिम्मेदारी का धर्म सरकार को निभाना चाहिए।

8 - स्मार्ट सिटी का उदाहरण पेश किया जाता है परन्तु अभी तक सेनेटाइजेशन की व्यवस्था नही हुई।

9 - इतनी मौतों के बाद भी सरकार चेत नही रही है, स्थिति जस की तस बनी हुयी है, अस्पतालों का हाल बुरा है।सरकार में थोडी भी शर्म बची हो तो खोखले दावे करना छोड़ लोगो की जान बचाने के लिये काम करे।

10 - न बेड, न एंबुलेंस, न ऑक्सीजन, न जरूरी इंजेक्शन। हर तरह हाहाकार है सरकार झूठ की मार्केटिंग में व्यस्त है।

11 -सभी सरकारी अस्पताल दुरुस्त हो व सभी अस्पतालों की बेड क्षमता ,आईसीयू व अन्य चिकित्सा सुविधा बढ़ाई जाए।

12- बन्द पड़े सरकारी अस्पतालों की तत्काल प्रभाव से चालू किया जाए।

13- प्राइवेट अस्पतालों में मापदण्ड तय किया जाए जिससे हर आदमी समुचित इलाज करा सके।

14- आक्सीजन,रेमिडसिवर इंजेक्शन को वाराणसी क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए व कालाबाजारी पर रोक लगे।साथ ही मूल्यों का नियंत्रण रखने के लिए ठोस व्यवस्था बनाया जाए।

15 - जो भी गरीब लोग कोरोना से मृत हो रहे है उनके लिए आर्थिक मदद की व्यवस्था सरकार तत्काल करे।

आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री अजय राय, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, वरिष्ट नेता ओमप्रकाश ओझा, शैलेन्द्र सिंह, मनीष मोरोलिया, आनंद सिंह, चंचल शर्मा, ऋतु पाण्डेय, विश्वनाथ कुँवर, रवि पाठक, लालजी यादव, ऋषभ पाण्डेय, रोहित दुबे आदि लोग उपस्थिति रहे।

 


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