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जाली नोट तस्करी में अभियुक्त को दस वर्ष की कड़ी कैद



 22/Jul/23

चन्दौली। जाली नोटों की तस्करी करने वाले अभियुक्त श्याम बाबू कुमार को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) डाॅ जया पाठक ने उसे 10 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड की राशि न देने पर अभियुक्त को छः माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अदालत में अभियोजन का पक्ष जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय व अपर शासकीय अधिवक्ता संजय त्रिपाठी ने पक्ष रखा।

जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह ने बताया कि अभियुक्त पर जाली नोटों की तस्करी करने का आरोप हैं। एटीएस लखनऊ से काफ़ी दिनो से भारतीय जाली मुद्रा के बांग्लादेश से मालदा के रास्ते पुणे व मुंबई में सप्लाई की सूचना आई थी। सूचनाओं को विकसित किया गया, इसी क्रम में 12 जनवरी 2019 को मुखबिर से सूचना मिली कि एक व्यक्ति मालदा से नकली भारतीय मुद्रा लेकर पं दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन होते हुए पुणे महाराष्ट्र को जाने वाला है। इस सूचना पर निरीक्षक शैलेश त्रिपाठी हमराहियों के साथ हनुमान मंदिर सुभाष नगर के पास आड़ में होकर आने वाले व्यक्ति का इंतजार करने लगे तो थोड़ी देर में रेलवे रौजा कॉलोनी की तरफ से वह व्यक्ति आता दिखाई दिया, जिसे मुखबिर खास ने देख कर इशारा करके हट बढ़ गया। उस व्यक्ति को रेलवे कॉलोनी गेट के पास से 3: 30 बजे पकड़ लिया गया। नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम श्याम बाबू कुमार निवासी रामनगर पोस्ट सालिमपुर, जिला पटना (बिहार) बताया। उसकी तलाशी ली गई तो उसके जेब से तीन गाड़ियों में से दो हज़ार के नोट बरामद हुए, जिसका भौतिक निरीक्षण किया गया तो भारतीय जाली मुद्रा पाई गई, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई दो हजार की मुद्रा से मिलती जुलती थी, इसके बारे में पूछने पर आरोपी ने बताया कि मैं इसे लेकर पूना जाने वाला था, जहां राहुल कुमार यादव मंगाये थे। इसे मैं फरक्का पं बंगाल से राहुल के बताए आदमी से लेकर आ रहा हूं। शक होने पर मैं ट्रेन से उतर गया था। राहुल भैया के ही बताने पर मैंने दूसरी ट्रेन पकड़ लिया था। बरामद रूपयों की गणना की गई तो कुल 260 नोट दो हजार की पाई गई, जिसका योग ₹520000 (पांच लाख बीस हजार रुपये) था।


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