चन्दौली। सूर्या हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक चिकित्सक डॉ गौतम त्रिपाठी व गायनोक्लोजिस्ट डॉ यशी त्रिपाठी से एक करोड़ रंगदारी मांगने पर वागीश कुमार सिंह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह के विरुद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली दीपक मिश्रा ने दिया मुकदमा दर्ज करने का आदेश। डॉ गौतम त्रिपाठी द्वारा अपने अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी के माध्यम से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली के न्यायलय में दंड संहिता प्रक्रिया की धारा 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। जिसपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली दीपक मिश्रा ने चंदौली थाना प्रभारी को आदेश दिया कि वे अभियुक्तों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करें।
गौरतलब है की वागीश कुमार सिंह ने अपनी पत्नी विभा सिंह को तेज बुखार की हालत में सूर्या अस्पताल लाया गया था, जहां प्रारंभिक जांच के बाद पाया गया की उसको डेंगू के लक्षण है, जिसके बाद विभा सिंह को हायर सेंटर के लिए उच्च चिकित्सा के लिए रेफर कर दिया गया, परन्तु रास्ते में ही विभा सिंह की मृत्यु हो गई। अभियुक्त द्वारा ना तो मृतका का पोस्टमार्टम करवाया गया तथा आनन फानन में उसका दाह संस्कार करवा दिया गया। मृतका विभा सिंह की डिलीवरी पूर्व में सूर्या अस्पताल में डॉ यशी त्रिपाठी द्वारा करवाया गया था मृतका को तीन लड़कियां पैदा हो चुकी थी। मृतका ने डॉ यशी से बताय गया था कि उसके ससुराल वाले तीन लड़कियों के कारण उसे काफी ताना देते हैं और उसे मारकर अभियुक्त वागीश की शादी कही और करने का दबाव देते हैं। अभियुक्त वागीश द्वारा अपनी पत्नी का पोस्टमार्टम कराए बिना शव का दाह संस्कार कर दिया गया तथा डॉ गौतम त्रिपाठी से एक करोड़ रुपए की मांग की गई तथा ना देने पर हॉस्पिटल पर मृतका को मारकर रेफर करने का आरोप लगाने की धमकी दी।